अकेलेपन का दर्द गहराया
बेहोशी का आलम बना
इस आलम में दीवार को गले लगाया
होश आया तब जब पाया
के सँभालने के लिए
उसके पास बाहें नहीं थी..
अकेलेपन का दर्द गहराया
बेहोशी का आलम बना
इस आलम में दीवार को गले लगाया
होश आया तब जब पाया
के सँभालने के लिए
उसके पास बाहें नहीं थी..